मोदी सरकार का बड़ा प्लान: किसान अब बनेंगे ‘मालामाल’, खेती में आएगा बड़ा बदलाव!
मोदी सरकार ने ग्रामीण भारत की तस्वीर और तकदीर बदलने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है, जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों को केवल पारंपरिक उत्पादक (जैसे धान और गेहूँ) की भूमिका से निकालकर एक सफल ‘मार्केटर’ बनाना है। यह योजना किसानों को दशकों से चले आ रहे संघर्ष की ज़िंदगी से बाहर निकालने और खेती को एक नया रूप देने पर केंद्रित है। सरकार का मानना है कि केवल फसल उगाने तक सीमित न रहकर, किसानों को बाज़ार की रणनीतियाँ और आधुनिक तकनीक सिखाई जाए, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में तरक्की और रोज़गार के नए अवसर पैदा हों और किसान सही मायने में मालामाल बन सकें।
इस बड़ी योजना का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि किसानों को अपने उत्पाद का मूल्य संवर्धन (Value Addition) करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसका मतलब है कि किसान अब केवल कच्चा माल नहीं बेचेंगे, बल्कि प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर उसे तैयार उत्पाद के रूप में बाज़ार में उतारेंगे। उदाहरण के लिए, सरसों उगाने वाला किसान अब सीधे सरसों बेचने के बजाय, उसकी तेल पिराई इकाई लगाकर ‘मस्टर्ड ऑयल’ बेचेगा। इस कदम से वह अपनी फसल को ₹1 के मुकाबले ₹100 में बेचने की क्षमता रखेगा, जिससे उनकी आय में कई गुना वृद्धि होगी और वे एक सफल उद्यमी की तरह काम कर पाएंगे।
सरकार किसानों को बेहतर भविष्य देने के लिए अपनी नीति में भी बदलाव कर रही है। अब तक चली आ रही सब्सिडी वितरण की प्रणाली को भी बदलकर दुनिया के अन्य विकसित देशों के पैटर्न पर लाने की तैयारी है। इसके अलावा, सरकार ने विशेष रूप से कृषि उत्पादन के मामले में पिछड़े हुए 100 ज़िलों को चिन्हित किया है, जहाँ सिंचाई के साधन और कृषि तकनीक अभी भी कमज़ोर हैं। इन ज़िलों में योजना को ज़ोर-शोर से लागू किया जाएगा, ताकि खेती के पिछड़ेपन से घिरे किसानों को भी राष्ट्र की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके और खेती के संसाधनों को जुटाने के लिए उन्हें जागरूक किया जा सके।
यह योजना केवल सरकारी प्रयास नहीं है, बल्कि बाज़ार की वास्तविक माँग पर आधारित है। शहरी क्षेत्रों में उपभोक्ताओं के बीच शुद्ध और मिलावट रहित भोजन की तलाश लगातार बढ़ रही है। लोग अच्छे और शुद्ध भोजन के लिए अधिक कीमत चुकाने को तैयार हैं। किसानों को ‘मार्केटर’ बनाकर, उन्हें इस बढ़ती हुई बाज़ार की माँग का सीधा लाभ उठाने का मौका मिलेगा। इस तरह, मोदी सरकार का यह प्लान ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और किसान को सम्मान, समृद्धि और आत्मनिर्भरता की राह पर ले जाने का एक ठोस कदम है।