पीएम किसान की 21 वी किस्त का नया अपडेट; कई किसान यह जानने का इंतज़ार कर रहे हैं कि पीएम किसान सम्मान निधि की अगली किस्त कब जमा होगी। बिहार विधानसभा चुनाव चल रहे हैं और इस समय देश भर में आचार संहिता लागू है। यह आचार संहिता 13 नवंबर के बाद चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद समाप्त हो जाएगी। चुनाव आयोग से अनुमति न मिलने के कारण, केंद्र सरकार ने आचार संहिता के दौरान यह किस्त वितरित नहीं की है।
इससे पहले, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड जैसे कुछ प्राकृतिक आपदा प्रभावित राज्यों में अग्रिम किस्तें वितरित की गई थीं। हालाँकि, चूँकि आचार संहिता सामान्य किस्त समाप्त होने की एक शर्त है, इसलिए अगली किस्त 13 नवंबर के बाद ही किसानों के खातों में जमा होने की संभावना है।
क्या मुझे सालाना 9,000 रुपये मिलेंगे?
इस समय सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें दावा किया जा रहा है कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को सालाना 9,000 रुपये मिलेंगे। इससे कई किसानों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। हालाँकि, इसके पीछे की सच्चाई कुछ और ही है। बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने किसानों के लिए एक वादा किया था। इसमें उन्होंने घोषणा की थी कि केंद्र सरकार की पीएम किसान योजना के 6,000 रुपये के अलावा, बिहार राज्य सरकार 3,000 रुपये और देगी, जिससे कुल राशि 9,000 रुपये हो जाएगी।
हालाँकि, केंद्र सरकार ने बार-बार स्पष्ट किया है कि पीएम किसान योजना के तहत वर्तमान वार्षिक राशि 6,000 रुपये को बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। इसलिए, यह स्पष्ट है कि अगले बजट तक किसानों को इस योजना के तहत सालाना केवल 6,000 रुपये ही मिलेंगे।
योजना से कौन होंगे अयोग्य?
केंद्र सरकार ने वर्तमान में पीएम किसान योजना के अपात्र लाभार्थियों को बाहर करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी ‘भौतिक सत्यापन’ अभियान चलाया है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य दोहरा लाभ लेने वालों को बाहर करना है। इसमें, यदि पति-पत्नी या एक ही परिवार के एक से अधिक सदस्य योजना का लाभ ले रहे हैं, तो उनका सत्यापन किया जा रहा है।
नियमों के अनुसार, एक परिवार में केवल एक ही व्यक्ति इस योजना का लाभ उठा सकता है। इस तरह, देश भर में 46 लाख से ज़्यादा अपात्र लाभार्थियों के बाहर होने की संभावना है। ऐसे लाभार्थियों का भौतिक सत्यापन करने के बाद, उनकी आगे की किश्तें रोक दी जाएँगी। इसलिए, सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए यह सख्त अभियान चला रही है कि परिवार में केवल एक ही व्यक्ति को इसका लाभ मिले।