तूफान ‘मोंथा’ का कहर ; अगले 24 घंटों मे ईन राज्य को तुफानी बारीश
बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ के कारण पूरे देश, खासकर उत्तर से दक्षिण भारत तक, मौसम में भारी उथल-पुथल मची हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटों में यह तूफान एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है, जिससे देश के कई राज्यों पर इसका भयंकर असर पड़ेगा। यह चक्रवात उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ रहा है और 28 अक्टूबर की शाम या रात तक आंध्र प्रदेश के तट पर दस्तक दे सकता है। तमिलनाडु के चेन्नई और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों जैसे बुंदेलखंड, और मध्य प्रदेश में बारिश की गतिविधियां पहले ही शुरू हो गई हैं।
चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ का सबसे अधिक असर ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ राज्यों पर पड़ने वाला है। इसके अलावा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के पूर्वी, मध्य और पश्चिमी इलाके भी प्रभावित होंगे। तूफान के कारण ओडिशा के कई शहरों में तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है, जिसके चलते प्रशासन ने रेड अलर्ट तक जारी किया है। भारी बारिश की अत्यधिक संभावना के कारण आंध्र प्रदेश, ओडिशा और कर्नाटक में रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और झारखंड में भी अच्छी बारिश की उम्मीद जताई गई है।
इस तूफान के दौरान हवाओं की गति 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है, और कई स्थानों पर बिजली गिरने की भी आशंका है। इसलिए, प्रभावित राज्यों के लोगों को सतर्क और सजग रहने की सलाह दी गई है। भारत मौसम विज्ञान ने तटवर्ती इलाकों के मछुआरों को अगले दो से तीन दिनों तक समुद्र में मछली पकड़ने के लिए बिल्कुल न जाने की हिदायत दी है। किसानों को विशेष सलाह दी गई है कि वे अगले चार से पांच दिनों तक बुवाई, खाद या दवा डालने जैसे कृषि कार्यों को स्थगित रखें।
जैसे-जैसे यह मौसमी सिस्टम आगे बढ़ेगा, इसका असर बिहार (जहां बहुत भारी बारिश की संभावना है), गांगेय पश्चिमी बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों पर भी देखने को मिल सकता है। अगर ये सभी मौसमी सिस्टम आपस में जुड़ते हैं, तो बारिश की गतिविधियां उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों तक भी फैल सकती हैं। इन दोनों चक्रवातों का असर अगले दो से तीन दिनों तक, यानी 2 से 3 नवंबर तक, जारी रहने की संभावना है।