गेंहू कि यह किस्म है किसानों के लिएं वरदान, जाने किस्म का नाम
रबी सीजन की तैयारी कर रहे किसानों के लिए गेहूं की यह नई किस्म वरदान साबित हो सकती है, इस किस्म का नाम है – ‘करण मंजरी’। यह एक हेक्टेयर में 56.5 क्विंटल तक उपज दे सकती है। जो किसान रबी सीजन की तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए यह पैदावार बढ़ाने का एक अच्छा मौका है। खासकर उन किसानों के लिए जिनके इलाकों में पानी की कमी है। यह वैराइटी खासकर मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान (कोटा-उदयपुर डिविजन), छत्तीसगढ़ और यूपी के झांसी शहर के लिए अच्छी है।
किसने तैयार की यह किस्म?
इस किस्म को भारत के कृषि वैज्ञानिकों ने तैयार किया है। यह कम पानी में भी ज्यादा पैदावार देती है। इसकी क्षमता एक हेक्टेयर में 56.5 क्विंटल तक पैदावार की है। हालांकि, सामान्य स्थिति में यह किस्म 35 से 36 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज देने की क्षमता रखती है।
कैसे करे करण मंजरी गेहूं किस्म की बुवाई
करण मंजरी गेहूं किस्म की बुवाई आप 20 अक्टूबर से 5 नंवबर के बीच कर सकते हैं। एक हेक्टेयर बुवाई के लिए 100 किलोग्राम बीज डालना होता है। बुवाई से पहले आप बीज काे ‘टेबुकोनाजोल 2% DS @ 1’ से उपचारित करें। इससे बीज को रोग नहीं लगेंगे।
खाद को कैसे डाले?
खाद को सीमित सिंचाई में 90:60:40 किलो NPK/ हेक्टेयर डालना चाहिए। बुवाई करते समय आपको आधी नाइट्रोजन, पूरी फास्फोरस और पोटाश डालना चाहिए। बची हुई नाइट्रोजन 45 से 50 दिन बाद डालें। इस वैरायटी में सिंचाई की भी जरूरत नहीं है। आपको बस दो बार पानी डालना है, पहली बार बुवाई से पहले और दूसरी बार 45 से 50 दिन बाद।
करण मंजरी की रोग प्रतिरोधक क्षमता
रोगों के मामले में करण मंजरी गेहूं एक मजबूत किस्म है। यह किस्म रस्ट पीली रतुआ, तीलिया और कंडुआ जैसे बड़े रोगों का भी डटकर सामना करती है। करण मंजरी की रिसर्च के दौरान इसमें रस्ट पीली रतुआ सिर्फ 7 प्रतिशत मिला, तीलिया 3 प्रतिशत और कंडुआ 11 प्रतिशत। इससे यह साबित होता है कि मंजरी काफी हद तक सुरक्षित किस्म है।
मंजरी गेहूं के पोषक तत्व
करण मंजरी किस्म के दानों में प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है। इसके 1000 दानों का वजन 52 ग्राम होता है। इसका मतलब है कि यह किस्म ग्रेडिंग और मार्केटिंग के मामले में भी आगे है। इसके बारे में यदि एक वाक्य में कहा जाए तो गेहूं की ये नई किस्म DDW 55 (D) यानी करण मंजरी – कम पानी और कम लागत में ज्यादा प्रोफिट देने वाली किस्म है।